अन्तर्निहित सर्वव्यापी April 9, 2024April 19, 2024Paresh Bhatia अपनी आत्मा के आलिंगन में मैं पूरा विश्व किए हूँ धारण : मुझमें ‘स्वाति’ एवं ‘पुष्य’ नक्षत्र होते हैं ज्वलन्त । जिस किसी [...]
जिंदगी April 18, 2021May 8, 2021Paresh Bhatia “जिंदगी”/ “Life” – श्री अरविंद की कविता #Poem #Yoga #Dhyan #Peace #The Mother#Sri Aurobindo [...]
कृष्ण April 18, 2021April 23, 2021Paresh Bhatia #Poem #Yoga #Dhyan #Peace #The Mother#Sri Aurobindo [...]
सर्वव्यापक April 18, 2021April 23, 2021Paresh Bhatia श्री अरविंद कविता – ” Omnipresence ” – हिंदी रूपांतरण “सर्वव्यापक “ [...]
निमंत्रण April 18, 2021April 23, 2021Paresh Bhatia श्री अरविंद की कविता ” Invitation” – हिंदी रूपांतरण “निमंत्रण” “पद्यानुवाद” – विमला गुप्ता बेनवेनुता स्वर- विद्याधर मूले विडिओ ग्राफिक्स – स्वप्निला गुप्ता [...]
तुम कौन हो जो आए April 18, 2021May 9, 2021Paresh Bhatia तुम कौन हो जो आए – श्री अरविंद की कविता [...]