"
When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.
"“भविष्य की आशा,
“आगामी के निर्माता ।
“एक विकसनशील आत्मा ।
“जिस देश के वातावरण में बालक पैदा होता है उसकी शिक्षा वहीँ हो तो उसका सर्वांगीण विकास तेजी से होता है ।“
“दिमाग में जानकारियां ठूँसने, रटने से ऊपर से आने वाले विचार और प्रेरणाएं बंद हो जाते हैं । यह प्रकृति के विरुद्ध है । ”
”मनुष्य मन पर जानकारी की छोटी-छोटी पुड़ियाओं में संभालकर रखने वाली
जानकारी बालक के आन्तरिक और बाह्य विकास में बाधक होती है l”
शारीरिक शिक्षण –
स्वास्थ्य शिक्षण –
स्वास्थ्य के लिए बच्चों को भोजन, नींद, मल त्याग आदि के विषय में पूरी शिक्षा देना आवश्यक है ।
विशेष – प्रेम, ज्ञान ,शक्ति और सौंदर्य की शिक्षा ।
बालक के चार गुण –
सातवां वर्ष महत्वपूर्ण क्यों ?
12 से 14 वर्ष –
आवश्यक बातें –
बच्चों को स्वयं जानना, और अपना स्वामी बनना सीखाना –
श्री मां के प्रतीक चिन्ह के 12 गुण
“बालक एक आत्मा है, जिसका अपना अस्तित्व है, अपनी प्रकृति है, अपनी क्षमताएं हैं, और जिसे इन तक पहुंचने के लिए सहायता दी जानी चाहिये, ताकि वह अपने शुद्ध स्वरूप को पहचान सके। सच्ची परिपक्वता प्राप्त कर सके । अपनी शारीरिक क्षमता और प्राणिक ऊर्जा को प्राप्त करे तथा अपनी सत्ता के भावनात्मक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक, शिखरों, गहराईयों और विशालताओं को छू सके।”
बच्चा अपने विकास के बारे में चिंता नहीं करता , वह बस बढ़ता जाता है । बच्चों के सरल विश्वास में बड़ी शक्ति होती है । जब बच्चा सामान्य परिस्थितियों में रहता है, तो उसे सहज विश्वास होता है कि उसे जिन चीजों की जरूरत होगी वह सब उसे मिल जायेंगी।
यह विश्वास जीवन-भर अडिग बना रहना चाहिये , लेकिन बच्चे के अंदर अपनी आवश्यकताओं का सीमित, अज्ञान-भरा और सतही ज्ञान होता है, उसकी जगह उत्तरोत्तर अधिक विशाल, अधिक गहरे और अधिक सत्य विचार को ले लेनी चाहिये जो अंततः आवश्यकताओं का पूर्ण ज्ञान बन जाये और परम प्रज्ञा के साथ मेल खाता हो, यहां तक कि हमें यह अनुभव हो जाये कि केवल भगवान् ही जानते हैं कि हमारी सच्ची आवश्यकताएँ क्या हैं और हम हर चीज के लिए उन्हीं पर निर्भर रह सकें । सबसे अधिक महत्वपूर्ण शर्त है विश्वास, एक बालक-का-सा विश्वास और यह सरल भाव कि जरूरी चीज आ जायेगी, इसके बारे में कोई प्रश्न ही नहीं। जब बच्चे को किसी चीज की जरूरत होती है तो उसे विश्वास होता है कि वह आ ही जायेगी । इस प्रकार का सरल विश्वास या निर्भरता सबसे अधिक महत्वपूर्ण शर्त है ।