Daily Quotes

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When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.

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संगीत

  संगीत, विचारों, हृदय की भावनाओं, आंतरिक पुकार और अभीप्सा  को व्यक्त करने का साधन है। संगीत का संबंध आंतरिक जीवन से है।कोई भी संगीत जब तक भगवान की ओर न मुड़े वह दिव्य नहीं हो सकता।

           संगीत मनुष्य को प्रभु भक्ति और आध्यात्मिक चेतना के विकास और ऊंचाइयों तक ऊपर उठाने में सहायता करता है । चेतना को नीचे गिराने वाला संगीत, संगीत के पवित्र और सच्चे लक्ष्य के विरुद्ध होता है ।  संगीतज्ञ, कलाकार और श्रोता सबको इससे बचना चाहिये।

           वास्तव में जब किसी कला का प्रयोग अपने अंदर भगवान के गुणों के विकास के लिए किया जाता है तब उसमें दिव्य सौंदर्य खिलता और अभिव्यक्त होता है ।

            संगीत में महत्व है –  संगीत के मूल का  ।  ऊपर से  आने वाली तथा उस पार ले जाने वाली अंतः प्रेरणा का ।  अंतः प्रेरणा के पीछे एक दिव्य शक्ति होती है । अंतः प्रेरणा को जब तकनीक से प्रकट किया जाता है तब रचना की अभिव्यक्ति में अद्वितीय सौंदर्य प्रकट होता है। यदि मनुष्य के अंदर दिव्य चेतना का  अवतरण न हो तो कोई भी कला सीखना असंभव है ।

           जब कलाकार अपने अहं का सर्वथा त्याग कर , आंतरिक तल्लीनता , एकाग्रता तथा भगवान को पूर्ण समर्पित होकर एक शुद्ध यंत्र की तरह पूर्ण नीरवता की स्थिति में अपनी कला को अभिव्यक्त करता है तब उसमें भागवत स्पर्श और भागवत प्रवाह होता है ।

           स्वयं भगवान की शक्ति कलाकार के अंदर प्रवेश करती है और रचना दिव्य अभिव्यक्ति के रूप में प्रकट होती है । इस तरह कोई भी कला आध्यात्मिक अभिव्यक्ति पाती है।

-- सुमन कोचर