When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.
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चेतना क्या है ?
जब प्रभु स्वयं अपने बारे में सचेतन होते हैं तो जगत की सृष्टि होती है । चेतना वह श्वांस है जो सबको जीवन देती है ।
मधुर मां कृपया मुझे चेतना का अर्थ बताइये ?
चेतना के बिना तुम्हें यह भी पता न होता कि तुम जीवित हो ।
चेतना किसी चीज़ के बारे में तादात्मय द्वारा अभिज्ञ होने कि क्षमता है । भागवत चेतना केवल अभिज्ञ ही नहीं होती बल्कि जानती और सम्पन्न करती है । उदाहरण के लिये किसी स्पन्दन के बारे में अभिज्ञ होने का मतलब यह नहीं है कि तुम उसके बारे में सबकुछ जानते हो ।
भागवत चेतना में नीचे कि छोटी से छोटी चीज़ें भी ऊपर की श्रेष्ठतम चीजों के साथ एक होती है ।