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When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.
"हे प्रभो, मेरा शरीर, प्राण, मन, ह्रदय सब शांत हो जाये। पूर्ण शांत। पूर्ण स्थिर।
मेरे शरीर की बैचेनी को शांत कर दो, मेरे शरीर का प्रत्येक अंग, मेरी नस-नाड़ियाँ, समस्त कोशिकाएँ शांत हो जायें ।
ॐ शांति_ _ शांति_ _शांति_ _ _
हे प्रभो, मेरे प्राणों के अंदर की समस्त इच्छाएँ, कामनाएँ, लोभी प्रवृत्तियाँ सब कुछ शांत हो जायें ।
ॐ शांति_ _ शांति_ _शांति_ _ _
हे प्रभो, मेरे मन के विचारों का संघर्ष, मन की मटरगश्ती, विचारों का हाट बाजार, निरर्थक कल्पनाएँ, मानसिक तनाव सब शांत हो जायें।
ॐ शांति_ _ शांति_ _शांति_ _ _
हे प्रभो, मेरे ह्रदय के समस्त अशुद्ध, निरर्थक उठने वाले भावों से मुझे मुक्त कर दो। मेरे बैचेन ह्रदय को शांत कर दो। मेरे ह्रदय में परम शांति भर दो।
ॐ शांति_ _ शांति_ _शांति_ _ _
ध्यान का मूल तत्व है – विचार, अंत: दर्शन या ज्ञान में मानसिक एकाग्रता।
आध्यात्मिक जीवन में ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रत्येक मानव के अंदर ईश्वर के प्रति श्रद्धा, भक्ति, विश्वास, आत्मनिवेदन, अभीप्सा और समर्पण आवश्यक है। जीवन जीने के लिए हमारे अंदर एक सामान्य सकारात्मक अभिवृत्ति होना चाहिये। प्रत्येक को ध्यान के लिए तैयारी करना चाहिये। अपने ईष्ट का निरंतर स्मरण करें।
महायोगी श्रीअरविन्द कहते हैं कि आध्यात्मिक जीवन की तैयारी के लिए सबसे अधिक प्रभावी तरीका है श्रीमाँ का निरंतर स्मरण । प्रत्येक कार्य के आरंभ और अंत में श्रीमाँ का स्मरण अवश्य करें। निरंतर श्रीमाँ का स्मरण ध्यान का मार्ग तैयार करेगा और एक ऐसा समय आयेगा जब ध्यान सहज हो जायेगा।
हर शब्द में एक शक्ति होती है। अच्छी या बुरी। सामान्य तौर पर हम अपने दैनिक जीवन में हर पल जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं उनमें विचारों के ऐसे स्पंदन तथा विचारों के ऐसे आकार उत्पन्न करते हैं, जो दूसरों पर, स्वयं हम पर अपना पूरा प्रभाव डालते हैं।
बुरे शब्द अंदर से खोखला कर देते हैं। सावधान हो जाओ। जागो प्रयत्न करो। ऊपर उठने के लिए हमेशा सकारत्मक विचारों को पोसने को कहा जाता है। भगवान की सहायता मांगो। यदि हम शब्दों के ध्वनि स्पंदनों का सचेतन रूप से उपयोग करना जानें, तो वे ध्वनियाँ हमारे अंदर सचेतनता और गुप्त शक्ति तक भर सकती है।
वैदिक मंत्रों में गुप्त ज्ञान तथा शक्ति होती है। वैदिक मंत्रों के शब्दों की ध्वनियों में दिव्य प्रकम्पन्न तथा रचनात्मक स्पन्दन होते हैं।
॥ॐ नमो भगवते_ _ _ _ _ _ _ ॐ नमो भगवते॥
॥ॐ नमो भगवते_ _ _ _ _ _ _ ॐ नमो भगवते॥