When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.
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मन की शिक्षा
सब प्रकार की शिक्षाओं में सबसे अधिक प्रचलित है मन की शिक्षा।
मन की सच्ची शिक्षा के, उस शिक्षा के जो मनुष्य को एक उच्चतर जीवन के लिये तैयार करेगी, पांच प्रधान अंग हैं।
एकाग्रता की शक्ति का, मनोयोग की क्षमता का विकास करना।
मन को व्यापक, विशाल, बहुविध और समृद्ध बनाने की क्षमताएं विकसितकरना।
जो केंद्रीय विचार या उच्चतर आदर्श या परमोज्ज्वल भावना जीवन में पथ- प्रदर्शन का काम करेगी उसे केंद्र बनाकर समस्त विचारों को सुसंगठित, व्यवस्थितकरना।
४. विचारों को संयमित करना, अनिष्ट विचारों का त्याग करना, ताकि मनुष्य अंतमें, जैसा चाहे वैसा और जब चाहे तब विचार कर सके।
मानसिक निश्चलता का, परिपूर्ण शांति का और सत्ता के उच्चतर क्षेत्रों से आनेवाली अंतःप्रेरणाओं को अधिकाधिक पूर्णता के साथ ग्रहण करने की क्षमता काविकास करना।