Daily Quotes

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When you have faith in God, you don't have to worry about the future. You just know it's all in His hands. You just go to and do your best.

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श्री अरविन्द सोसायटी पुद्दुचेरी

श्री अरविन्द सोसायटी की स्थापना का लक्ष्य-उद्देश्य और कार्य

श्रीअरविन्द सोसायटी एक रजिस्टर्ड सोसायटी है जिसका मुख्य व्यवस्थात्मक कार्यालय  पुद्दुचेरी में है। इसके अन्तर्गत भारत में तथा भारत से बाहर अनेक केन्द्र एवं शाखाएं हैं, इसके अनेक सदस्य हैं । श्रीअरविन्द  सोसायटी की संस्थापक एवं स्थायी अध्यक्षा श्रीमां है।

श्री अरविन्द सोसायटी की स्थापना सन 1960 में श्री मां ने की । इसका उद्देश्य श्री अरविन्द के दिव्य विचारों, आदर्शों, महान शिक्षाओं तथा उनकी पूर्ण योग की साधना पद्धति से प्रत्येक को अवगत कराना तथा दैनिक जीवन में उतारने हेतु प्रेरित करना, ताकि मानव समाज अशांति, अज्ञान, अविद्या, अहंकार, अंधकार, रोग, शोक, जरा आदि से मुक्त होकर दिव्य शांति, सत्य, प्रेम, शक्ति, प्रकाश और ऊर्जा को प्राप्त कर आनंदमय जीवन जी सकें।

यह एक ऐसा सामूहिक प्रयास है, जिसके द्वारा धरती पर एक आध्यात्मिक मानव समाज की रचना कर नये विश्व के निर्माण के लिये भागवत-पुत्रोंकी नवीन जाति विकसित कर सके।

  • व्यक्तिगत रूपांतर अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति आंतरिक विकास द्वारा जीवन में ऐसी परिपूर्णता लाने का प्रयास करे जिसके द्वारा उसे भागवत उपस्थिति के साथ पूर्ण एकत्व प्राप्त हो सके।
  • सामाजिक रूपान्तर एवं सामूहिक जीवन का ऐसा विकास जिससे चारों और ऐसा अनुकूल वातावरण तथा सामाजिक व्यवस्था उत्पन्न करना जो प्रत्येक व्यक्ति के खिलने तथा विकसित होने के लिए अनुकूल हो। ताकि वह मानवता के विकास और पूर्णता में अपना योगदान देने वाला शक्ति स्त्रोत बन सके।
  • समरसता पूर्ण और सुसंगठित वैविध्य के अंतर्गत ऐसी मानव एकता की उपलब्धि जिससे प्रत्येक राष्ट्र अपनी वास्तविक प्रतिभा के प्रति चेतन बन सके तथा संपूर्ण मानवता के लिए अपना सर्वोत्तम योगदान दे सके। 

श्रीअरविन्द  सोसायटी का मुख्य उद्देश्य मानव के संपूर्ण जीवन का रूपांतरण है उसके व्यापक कार्यक्रम के दायरे में सभी प्रकार की गतिविधियां आ जाती है। सोसायटी को भारत सरकार द्वारा सामाजिक विज्ञान में शोध की संस्था के रूप में मान्यता मिली है।

 श्रीअरविन्द ने कहा है, “अगर हम सर्वत्र अलग-थलग रहें तो भी, निस्संदेह,कुछ न कुछ किया जायेगा। लेकिन अगर हम एक समूह के अंग के रूप में रहें तो अपेक्षत: सौ गुना अधिक किया जा सकेगा।” सोसायटी का यही उद्देश्य है कि उन सब स्त्री-पुरुषों को एक सूत्र में पिरोया जाये जो एक नये विश्व के आगमन के लिये समर्पित हैं वे चाहे किसी भी राष्ट्र, संप्रदाय या धर्म के क्यों न हों।

 श्री अरविन्द सोसायटी के सदस्य और केंद्र -

भारत और विश्व भर में श्री अरविन्द सोसायटी के अनेक सदस्य, केंद्र और शाखाएं हैं। सदस्यता की कई श्रेणियां हैं, आप एक वर्ष के लिये भी सदस्य बन सकते हैं या फिर कई वर्षों के लिये। संस्थाएं भी सदस्य बन सकती है। इसकी सदस्यता ग्रहण कर हिन्दी, अंग्रेजी तथा कुछ प्रांतीय भाषाओं में प्रकाशित मासिक पत्रिका प्राप्त कर सकते हैं।

सोसायटी का सदस्य बनने का अर्थ है श्री मां की सक्रिय शक्ति के साथ सीधे संबंध स्थापित करना ताकि हम धरती पर क्यों आये हैं ? तथा क्या पाना चाहते है ? इसका प्रत्युतर प्राप्त करते हैं। इस प्रकार प्रत्येक के लिये अज्ञान से निकलकर सम्पूर्ण जीवन को ही महत्तर चेतना में रूपांतरित करने का सुअवसर है। 

सभी केंद्र और शाखाएं  बहुआयामी गतिविधियों – योग शिक्षा स्वास्थ्यभारतीय संस्कृति, कला, जीवन – प्रबंधन मनोविज्ञानग्रामीण विकास बालकयुवा नारी ,गर्भ विज्ञान – प्रसव पूर्व शिक्षा तथा मानव के आंतरिक विकास आदि पर प्रशिक्षण-शिविरों, संदेश प्रसार तथा वार्ताओं के माध्यम से कार्य कर रही है।                                                      

     भारत में श्रीअरविन्द सोसाइटी के केंद्र और शाखाएं मुख्यत: साधना और भगवान की सेवा के केंद्र हैं । कुछ केन्द्रों के निजी फार्म, विद्यालय, कुटीर-उद्योग हैं जिन्हें वे आदर्श संस्थाएं बनाने के प्रयास में हैं । अधिकतर केंद्र प्रार्थना-ध्यान और गोष्ठियाँ  करते हैं। भारत में और भारत के बाहर नियमित रूप से साधकों के लिये मानव एकता और विश्व संस्कृति पर नियमित गोष्ठियाँ, आध्यात्मिक सम्मेलन,  सभाएंविभिन्न कलाओं के प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शनियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम, दिग्दर्शन शिविर,  स्वाध्याय-शिविर, बाल तथा युवा-शिविर और नारी विकास के प्रशिक्षण-सत्र भी आयोजित किये जाते हैं।  वर्तमान में वेबिनार के माध्यम से ऑरो युथ युवाओं में तथा नारी-परिषद् नारियों में आंतरिक जागृति उत्पन्न करने तथा उनकी शक्ति को नये विश्व के निर्माण हेतु प्रेरित करने का विशेष कार्य कर रहे हैं । विभिन्न विषयों के विद्वानों को आमंत्रित कर वार्ताएं प्रसारित की जा रही है।

श्रीअरविन्द सोसायटी की कुछ गतिविधियां एवं प्रयास -

श्री अरविन्द सोसायटी संसार की कई भाषाओं में पुस्तकें, पुस्तिकाएँ और संवाद-पत्रों का प्रकाशन करती है। योग और साधना संबंधी पुस्तकों के अतिरिक्त सर्वजन की रुचि के लिये भारत, शिक्षा, बच्चों, प्रकृति और फूलों संबंधी विषयों पर भी एक अधिक गहरे एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण को लेकर पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है।  संस्कृत भाषा पर विशेष शिक्षण दिया जाता है ।

वीडियो, ऑडियो तथा प्रेजेंटेशन भी तैयार किये जाते है जिससे केंद्रों और सदस्यों को आत्म-विकास, सामाजिक रूपांतरण और मानव एकता के लिये अपने प्रयास में सहायता मिल सके । 

यहाँ शिक्षण – उपकरण , खेल-कूद , खिलौनों , भारतीय संस्कृति, चेतना द्वारा  प्रबंधन , स्वास्थ्य, अप्रचलित , ऊर्जा – स्त्रोतों , समुचित टेक्नालजी , जड़ी – बूंटी से तैयार औषधियों , जैविक खेती, जैव-ऊर्जा तथा सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य मनुष्य की प्रसुप्त क्षमताओं और उसमें निहित संभावनाओं के जागरण के लिए शोध कार्य किये जा रहे हैं ।  

‘ऑरो सर्विस’ के द्वारा सच्चाई , सेवा और आध्यात्मिकता पर आधारित आर्थिक ढाँचे के निर्माण का प्रयास किया जा रहा है । 

जानना अच्छा है,
जीना उससे भी अच्छा है;
होना उससे भी अच्छा यानि पूर्णता है ।

- श्रीमां